Debit Meaning In Hindi – Debit कार्ड क्या है? डेबिट का मतलब क्या है?

दोस्तों कैसे हैं आप सब, आज के आर्टिकल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है, दोस्तों आपने डेबिट नाम कई बार सुना होगा, इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा कि डेबिट के कितने मतलब हो सकते हैं, और डेबिट नाम कहां-कहां इस्तेमाल किया जाता है, इस आर्टिकल में Debit Meaning in Hindi के बारे में बात करेंगे, और यह भी जानेंगे कि अकाउंट के भाषा में डेबिट को कितने प्रकार से प्रयोग किया जाता है, आइए दोस्तों आर्टिकल को शुरू करते हैं, और सारी जानकारी स्टेप बाय स्टेप जान लेते हैं।

दोस्तों डेबिट को लेने और देने दोनों के लिए प्रयोग किया जा सकता है, डेबिट नाम का मतलब इस्तेमाल होने के बाद निकलता है, इसे एक अकाउंटेंट सही तरीके से समझ सकता है, जैसे कि अगर हम पैसे किसी को दे रहे हैं तो हमारा केस डेबिट हो रहा है, और अगर हम किसी से सामान ले रहे हैं, तो सामान डेबिट हो रहा है, यहां पर लेने और देने दोनों के लिए डेबिट प्रयोग हो सकता है, आगे आर्टिकल में हम इसे बारीकी से समझेंगे, और डेबिट के कई अन्य प्रकार के मतलब भी देखेंगे।

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Debit Meaning in Hindi

दोस्तों अगर हम गूगल से डेबिट का हिंदी में मतलब देखे, तो गूगल हमें इसके तीन मतलब दिखाता है “नामे” “विकलन” और “जमा”।

अगर आप अकाउंटेंसी की पढ़ाई करते हैं तो यहां पर आपको डेबिट का विस्तार से वर्णन किया जाएगा, और एक ही नाम “डेबिट” के कई अलग-अलग मतलब बताए जाएंगे।

आपके मन में भी यह ख्याल जरूर आया होगा कि बैंक में जो डेबिट या क्रेडिट बताया जाता है, उसका क्या मतलब होता है, आइए दोस्तों बैंक वाले डेबिट को और अकाउंट वाले डेबिट दोनों को डिटेल में समझ लेते हैं

Debit Meaning in Bank

दोस्तों डेबिट का एक अन्य मतलब यह भी होता है कि आपके बैंक अकाउंट में जब पैसे का लेनदेन होता है तो वहां डेबिट और क्रेडिट इस्तेमाल होता है, जब आपके अकाउंट में पैसे आते हैं तो मैसेज क्रेडिटेड का आता है, जब अकाउंट से पैसे कटते हैं तो पैसे डेबिट होते हैं, इसी प्रकार जब आप अपनी पासबुक देखते हैं तो वहां पर डेबिट वाले कॉलम में वह पैसे होते हैं जो आपके अकाउंट से बाहर निकले हैं, और इसी प्रकार क्रेडिट वाले कॉलम में भी पैसे होते हैं जो आपकी अकाउंट में आए हैं।

यानी कि जब आप बैंक से पैसे निकालते हैं तो डेबिट होता है, इसलिए बैंक की भाषा में डेबिट का मतलब है कि आपने पैसे अकाउंट से बाहर निकाले हैं।

Debit Meaning in Accounts

दोस्तों अकाउंट की भाषा में डेबिट मल्टीपल टाइप से यूज होता है, एक-एक करके देख लेते हैं कि डेबिट अकाउंट में कितने प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकता है, अगर आप अकाउंटेंट फील्ड से हैं तो यह जानकारी आपके लिए बहुत लाभदायक होगी।

Debit The Receiver ( डेबिट द रिसीवर )

दोस्तों डेबिट दा ऋसीवर का मतलब होता है कि जो रिसीव करने वाला है उसे डेबिट करना है, रिसीव करने वाला अकाउंट की भाषा में कई प्रकार से हो सकता है, जैसे कि अगर एक बंदा दूसरे को माल दे रहा है तो जो माल रिसीव करने वाला है यानी कि जो प्राप्तकर्ता है उसे डेबिट करना है, इसलिए बाय डिफॉल्ट जो माल भेजने वाला है वह क्रेडिट हो जाएगा, एक बार फिर से बता दूं कि एक अकाउंटेंट ही इसको सही से समझ सकता है।

अलग-अलग फैक्ट्रियों में या बिजनेस में कई प्रकार से माल का लेनदेन होता है, यहां पर अकाउंटेंट को हिसाब किताब रखने के लिए डेबिट और क्रेडिट की भाषा को ही इस्तेमाल में लेना पड़ता है, डेबिट और क्रेडिट की भाषा से अगर आप काम करते हैं तो अकाउंट में मैनेजमेंट सही रहती है और एक पैसे की भी गड़बड़ नहीं होती।

Debit What’s Comes In ( डेबिट व्हाट्स कम इन )

डेविड व्हाट्स कम इन का मतलब है कि जो बिजनेस के अंदर आया है उसे डेबिट करना है, यहां पर अगर हम माल खरीद रहे हैं तो खरीदे हुए माल को डेबिट करना है, क्योंकि माल हमारी फैक्ट्री के अंदर आ रहा है, फैक्ट्री और कई अन्य प्रकार के बिजनेस में माल की आवाजाही होती है, इसलिए जो माल बिजनेस के अंदर आ रहा है उसे डेबिट करना होता है और जो बाहर जा रहा है यानी कि जो सेल हो रहा है उसे क्रेडिट करना होता है।

जैसा कि हमने आपको शुरू में बताया था कि पैसे हमेशा जाने वाले समय डेबिट होते हैं, और आने वाले समय क्रेडिट होते हैं, इसलिए जब आप माल की बिक्री करेंगे तो पैसे आएंगे और माल जाएगा, इसलिए हम पैसे को डेबिट करेंगे और माल को क्रेडिट करेंगे, उसी प्रकार से हमने आपको बताया कि माल हमेशा आने के समय डेबिट होता है, यानी कि जब आप माल खरीदेंगे तो माल को डेबिट करेंगे, और पैसे को क्रेडिट करेंगे क्योंकि पैसा जाते समय क्रेडिट होता है, अगर आप पैसे को विनिमय वस्तु के आधार पर इस्तेमाल कर रहे हैं तो दोनों चीजें क्रेडिट या दोनों डेबिट नहीं हो सकती, इनमें से एक डेबिट होगा एक क्रेडिट होगा।

Debit All Expenses And Loses (डेबिट आल एक्सपेंसे एंड लॉस)

दोस्तों अगर बिजनेस में कुछ एक्सपेंस या लॉस हुआ है तो उसे हमेशा डेबिट किया जाता है, लॉस से हमारा मतलब घाटा होना है, मान लीजिए कि एक बिजनेस में कुछ माल खराब हो गया, वह खराब हो चुका माल बिजनेस के लिए घाटा है, तो उस माल को स्टॉक में किस तरह से मैनेज किया जाएगा, इसके लिए अकाउंटेंट उस माल को डेबिट करेगा एक प्रकार से माल का हमारे पास आना ही डेबिट होता है, लेकिन यहां पर हमें जो घाटा हुआ है उसका एक अलग अकाउंट बनाएंगे और उसके अंदर माल को डेबिट करेंगे, यानी कि माल डेबिट नहीं हो रहा है, वह अकाउंट डेबिट हो रहा है, यानी कि वह अकाउंट जो हमने घाटे के नाम पर बनाया है, उस अकाउंट में हमारा माल जा रहा है, यानी कि हमारा माल घाटे में गया है, इस प्रकार से हम आसानी से स्टॉक मैनेज कर सकते हैं।

यहां पर जब आप किसी घाटे अकाउंट बना रहे हैं तो उस घाटे को पर्टिकुलर संज्ञा देनी है, जैसे कि अगर आपका माल जल गया है तो आपको फायर डैमेज नाम से अकाउंट बनाना है, जब आप फायर डैमेज को मॉल से डेबिट कर देंगे तो यानी कि उतना माल आग जला है, इस तरह से आप अपना अकाउंट आसानी से मैनेज कर सकते हैं।

दोस्तों खर्चों को भी हमेशा डेबिट करना होता है, जब आप अकाउंट मैनेज कर रहे हैं और वहां पर कोई भी डायरेक्ट या इनडायरेक्ट खर्चा है, तो उसको हमेशा डेबिट किया जाता है, जैसे कि आपका बिजनेस है और वहां पर लोग समोसे खा रहे हैं, वह समोसे खाना बिजनेस के लिए खर्चा है, तो उस समोसे का हम एक अलग अकाउंट बनाएंगे और उस अकाउंट को हमेशा डेबिट करेंगे, क्योंकि वह हमारे लिए खर्चा है।

आशा करूंगा कि आपको यह समझ आ गया होगा कि घाटे, नुकसान और खर्चे को किस तरह से डेबिट किया जाता है।

Debit कार्ड क्या है?

दोस्तों कई लोगों का यह सवाल होता है, कि डेबिट कार्ड क्या होता है, दोस्तों आपको बता दूं की जब आप बैंक में अकाउंट खुलवाते है तो वहां पर आपको अकाउंट के साथ एक डेबिट कार्ड फ्री में मिलता है, डेबिट का मतलब जमा भी होता है, इसका मतलब है इसका मतलब है कि हम हमारे अकाउंट में जो पैसा जमा है उसको निकाल सकते हैं, डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड से बिल्कुल उल्टा होता है।

क्रेडिट कार्ड कि डेफिनेशन देखे तो इसका मतलब होता है कि हम उधार लेकर पैसा दे सकते हैं या निकाल सकते हैं, क्रेडिट कार्ड जब बनवाते हैं तो बैंक आपको कुछ क्रेडिट लिमिट देता है, आप उतने पैसे तक बैंक में माइनस कर सकते हैं, यानी कि अगर आपके अकाउंट में पैसा नहीं है तो भी आप क्रेडिट लिमिट के आधार पर पैसे और निकलवा सकते हैं, लेकिन डेबिट कार्ड के साथ ऐसा नहीं होता, डेबिट कार्ड एक ऐसा कार्ड होता है, जो कि आपका नॉर्मल एटीएम माना जाता है, और उसमें वही पैसा निकलवा सकते हैं, जो पैसा आपके बैंक अकाउंट में जमा है।

Debit से जुड़े कुछ जरूरी बातें:-

दोस्तों एक बात आपको यहां पर समझाने के लिए बता रहा हूं कि जब हमारा कोई दायित्व होता है, यानी कि जब बिजनेस के लिए कोई लायबिलिटी होती है, तो वह क्रेडिट में ही होती है, कई लोग ऐसा सोचते हैं कि बैंक में जमा करवाएं पैसे को क्रेडिट और निकाले गए पैसे को डेबिट क्यों कहा जाता है, तो आपको बता दूं कि बैंक एक बिजनेस है जब बैंक अपना अकाउंट मैनेज करता है तो वह लायबिलिटी को क्रेडिट करता है।

आप जो पैसा बैंक में जमा करवा रहे हैं वह बैंक के लिए लायबिलिटी है, लायबिलिटी को ही हिंदी में दायित्व कहा गया है, यानी कि वह पैसा बैंक का नहीं है, बैंक से आप पैसा कभी भी वापस ले सकते हैं, इसलिए बैंक अपने लायबिलिटी को हमेशा क्रेडिट में ही रखेगा, इसलिए आप जो पैसा अकाउंट में जमा करवा रहे हैं वह क्रेडिट हो गया और जो निकाल रहे है वह डेबिट हो रहा है, यह डेबिट इसलिए हो रहा है क्योंकि बैंक की लायबिलिटी कम हो रही है, जब लायबिलिटी कम होगी तो बैंक उसे डेबिट ही करेगा, क्योंकि क्रेडिट का उल्टा डेबिट होता है, आशा करूंगा कि आपको यह बैंक वाला डेबिट और क्रेडिट समझ आ गया होगा।

दोस्तों बिल्कुल इसी प्रकार से अकाउंट की भाषा में डेबिट और क्रेडिट का अलग-अलग मतलब होता है, यहां पर देखा जाता है कि ट्रांजैक्शन कैसी हो रही है, और किसके साथ हो रही है, उसी के बेस पर डेबिट या क्रेडिट का इस्तेमाल किया जाता है, आप यह तो समझ ही गए होंगे कि डेबिट और क्रेडिट का मतलब हिंदी में लेन या देन नहीं होता, यहां पर डेबिट का मतलब लेना और देना दोनों ही हो सकता है, और क्रेडिट का मतलब भी दोनों ही हो सकता है, यहां पर देखा जाता है कि हम अकाउंट किस चीज का मैनेज कर रहे हैं, और ट्रांजैक्शन क्या हो रही है, इसके बेसिस पर डेबिट या क्रेडिट किया जाता है।

अकाउंट के कुछ गोल्डन रूल्स होते हैं, जिसके बेसिस पर यह डेबिट और क्रेडिट किया जाता है, इनमें से तीन रूल्स डेबिट के लिए इस्तेमाल होते हैं, वह मैंने आपको ऊपर बता दिए हैं, जो कि “डेबिट द रिसीवर” “डेबिट व्हाट्स कम इन” और “डेबिट आल एक्सपेंसे एंड लॉस”  होता है, इसके अलावा तीन नियम क्रेडिट के लिए होते हैं, अकॉउंटेन्सी में यह बताया गया है कि किसको डेबिट करना है और किसको करना है।

Debit का मतलब क्या है वीडियो –

डेबिट का हिंदी मतलब – FAQs:

Debited Meaning in Hindi

Debited का हिंदी मतलब है “डेबिट किया, खाते में से से पैसे निकाला, खर्चे में लिखा, नामे लिखा गया” इन सभी जगा डेबिटेड का उपयोग होता है।

डेबिट कार्ड और एटीएम कार्ड में क्या फर्क है?

डेबिट कार्ड और एटीएम कार्ड दोनों एक ही है, डेबिट कार्ड आपको बैंक देते है ताकि आप ATM मशन से पैसे निकाल साके।

डेबिट कार्ड कैसे मिलता है?

यदि आपको डेबिट कार्ड चाहिए तो आपको बिलकुल मिलेगा, आपके जिस भी बैक में अकाउंट है उस बैंक में चाहिए और बैंक मैनेजर से बात करे एक फ्रॉम मिलेगा उसको भरना है उसके बाद आपके घर में Debit कर भेज दिया जायेगा। डेबिट कार्ड के लिए आपके पास Pan कार्ड होना बहुत जरुरी है।

बैंक में डेबिट का मतलब क्या होता है?

यदि आप किसी को पैसा भजते है और आपके अकाउंट से पैसा कट जाता है तो उसके मतलब आपके अकाउंट से पैसा डेबिट हुआ है, यदि आपके अकाउंट में पैसा जमा होता है तो उसका मतलब क्रेडिट हुआ है।

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आज हमने क्या सीखा?

दोस्तों कैसा लगा आपको आज का यह आर्टिकल, यहां पर मेरे डेबिट को विस्तार से बताने की कोशिश की है की Debit क्या है Debit कार्ड क्या है और Debit Meaning in Hindi, आशा करूंगा आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा, अगर आपको जानकारी अच्छी लगी है तो इसे अपने निजी साथियों के साथ साझा करना बिल्कुल भी मत भूलना। 

अगर आपका कोई क्वेश्चन है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं तुरंत रिप्लाई दे कर आपके क्वेश्चन का आंसर देने की कोशिश करूंगा। मिलते हैं किसी नए आर्टिकल में।

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