TC Ka Full Form – टीसी की फुल फॉर्म क्या होता है?

दोस्तों कैसे हैं आप सब, आज के आर्टिकल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है, इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा TC क्या होता है? TC Ka Full Form ( टीसी का फुल फॉर्म)? दोस्तों टीसी वर्ड के कई मतलब होते हैं, और यहां मैं आपको सभी के बारे में संक्षेप में जानकारी दूंगा।

दोस्तों यहां पर मैं आपको टीसी से संबंधित पूरी प्रकार की जानकारी दूंगा और टीसी के सभी प्रकारों के बारे में बात करूंगा, चलिए दोस्तों टाइम वेस्ट ना करते हुए आर्टिकल को जल्दी से जल्दी स्टार्ट करते हैं।

TC Full Form in Hindi – टीसी का फुल फॉर्म

दोस्तों यहां पर मैं आपको टीसी के दो मतलब बता रहा हूं, एक तो टीसी नाम का मतलब “ट्रांसफर सर्टिफिकेट” होता है और दूसरा टीसी का मतलब “टिकट कलेक्टर” या “टिकट चेकर” होता है।

दोस्तों टिकट कलेक्टर या टिकट चेकर आपको रेलवे विभाग में देखने को मिलेगा, यह एक प्रकार का पद होता है जो कि लोगों की टिकट चेक करने के लिए बनाया गया था।

अगर आप रेलवे में सफर करते हैं तो आपने अक्सर टीसी को टिकट चेक करते हुए देखा होगा, इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगा कि आप टीसी कैसे बन सकते हैं? और इसके लिए क्या योग्यता रहनी चाहिए और टीसी की सैलरी क्या होती है?

जैसा कि मैंने आपको बताया कि टीसी का मतलब ट्रांसफर सर्टिफिकेट भी होता है तो इसके बारे में भी हम पूरी जानकारी कवर करेंगे और बताएंगे कि ट्रांसफर सर्टिफिकेट आपको कहां काम आता है और यह आपके लिए क्यों जरूरी होता है।

TC का फुल फॉर्म वीडियो में जाने –

TC के बारे में संक्षिप्त जानकारी

दोस्तों जब आप एक संस्थान से दूसरे संस्थान में जाते हैं तो आपको एक ट्रांसफर सर्टिफिकेट की जरूरत होती है जब आप स्कूल छोड़ते हैं तो आपको एसएलसी दी जाती है यह स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट होता है किसी भी कुछ एसएलसी के जैसा ही होता है।

ट्रांसफर सर्टिफिकेट बहुत जरूरी होता है इसे हिंदी में स्थानांतरण पत्र भी कहते हैं।

दोस्तों अगर आप किसी कारणवश एक संस्थान से दूसरे संस्थान में जा रहे हैं तो आपको सबूत के तौर पर ट्रांसफर सर्टिफिकेट मिलता है, यह उस संस्थान से मिलता है जहां से आप तबादला ले रहे हैं, और जिस संस्थान में आप जा रहे हैं वहां पर इसे जमा करवाना होता है, ताकि वह संस्थान इसे वेरीफाई कर सके।

जैसे कि किसी संस्थान में किसी अधिकारी का तबादला दूरदराज किस इलाके में हुआ है तो अधिकारी को अपने उच्च अधिकारी से एक स्थानांतरण लेख लिखवाना पड़ता है, जिसमें उच्च अधिकारी अपने सिग्नेचर करता है और यह डिक्लेयर करता है कि अधिकारी को सामने वाले संस्थान में एंट्री दी जाए और उसका तबादला मान्य हो।

यहां पर संस्थान से मेरा मतलब स्कूल कॉलेज और सभी प्रकार के संस्थानों से है, लगभग सभी प्रकार के संस्थानों में ट्रांसफर सर्टिफिकेट का इस्तेमाल जोरों शोरों से किया जाता है।

टीसी कब मिलेगा?

दोस्तों अलग-अलग संस्थानों में टीसी लेने का प्रोसेस अलग अलग ही होता है, जैसे कि उदाहरण के लिए अगर आपको बताऊं तो अगर आप एक विद्यालय में अपनी पढ़ाई पूरी करके दूसरे विद्यालय में जाना चाहते हैं, तो आपको विद्यालय के प्रिंसिपल से स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट लेना होगा, और अगर आप कॉलेज में हैं तो भी टीसी पर सिग्नेचर करवाने होंगे, प्रिंसिपल जब टीसी बना कर देता है तो स्टूडेंट किसी दूसरे संस्थान में एडमिशन ले पाता है, क्योंकि जब आप दूसरे संस्थान में एडमिशन लेने के लिए जाते हैं तो आप से टीसी की मांग की जाती है और आपको टीसी देना ही पड़ता है।

इसी प्रकार से कंपनियों में बीटीसी की प्रक्रिया को अपनाया जाता है जब किसी एंप्लोई को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जाता है, तो उसको टीसी दिया जाता है, इस सर्टिफिकेट की मदद से वह दूसरी कंपनी में शिफ्ट हो सकता है, टीसी एक प्रकार से वेरिफिकेशन का काम भी करता है।

क्या TC जरूरी होता है?

दोस्तों बहुत लोगों का यह सवाल होता है कि क्या टीसी जरूरी होता है? क्या वह बिना टीसी के भी सामने वाले संस्थान में एंट्रेंस ले सकते हैं, तो दोस्तों आपको बता दूं कि आप डुप्लीकेट टीसी बनवा तो सकते हैं लेकिन ओरिजिनल टीसी आपको ले लेना चाहिए, यह आपके लिए काफी फायदेमंद रहता है आइए देख लेते हैं कि टीसी हमारे लिए क्यों जरूरी रहता है।

जब हम आगे की पढ़ाई के लिए स्कूल बदलते हैं तो हमें टीसी की आवश्यकता जरूर पड़ती है, बिना टीसी के हम आगे किसी भी संस्थान में एडमिशन नहीं ले सकते।

दोस्तों टीसी के तौर पर मिलने वाला स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट अगर आप लेते हैं तो इसका मतलब है कि अब आपका उस स्कूल से किसी भी प्रकार का कोई नाता नहीं रह गया है, स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट तब मिलता है जब आप स्कूल में अपनी पूरी फीस जमा करवा देते हैं, इसलिए आपको यह फायदा हो जाता है कि अगर आपके पास स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट है तो यह एक प्रकार से प्रूफ भी है कि आपने संस्थान में अपनी पूरी फीस भर दी है।

दोस्तों किसी से किसी भी इंसान के व्यवहार के बारे में भी पता चलता है, क्योंकि टीसी में चरित्र प्रमाण पत्र भी साथ में जोड़ा जाता है, और पिछले संस्थान में हासिल किए गए अंकों का हिसाब भी दिया जाता है, और कब कितने परसेंट नंबर आए थे यह भी बताया जाता है।

दोस्तों नया संस्थान केवल आपके टीसी को देखकर ही बता पाता है कि वह आपको एडमिशन देगा या नहीं, क्योंकि अगर आपके पास टीसी है तो आपको किसी भी प्रकार के एंट्रेंस को क्रैक करने की जरूरत नहीं होगी।

टीसी गुम जाने पर क्या करें?

दोस्तों अगर किसी कारणवश आप की टीसी खो गई है तो आप इसे संस्थान से दोबारा बनवा सकते हैं, टीसी एक बहुत ही जरूरी कागजात होता है, इसलिए आपको इसे संभाल कर रखने की आवश्यकता होती है, लेकिन कई बार दुर्घटना पूर्वक हमारी टीसी खराब हो जाती है या कहीं गुम हो जाती है ऐसी कंडीशन में आप संस्थान में दोबारा जाकर दोबारा टीसी के लिए मांग कर सकते हैं।

अब आपको एक डुप्लीकेट टीसी मिलेगी जो असल टीसी के जैसे ही काम करेगी कई संस्थानों के पास टीसी की फोटो कॉपी होती है, इसलिए वह दोबारा आपको फोटो कॉपी निकाल कर दे देते हैं।

दोस्तों यहां पर ध्यान रखने योग्य बात यह है कि अगर आप की टीसी खो गई है या आपके संस्थान ने टीसी देने से मना कर दिया है तो क्या करें? कई बार ऐसी कंडीशन होती है कि स्कूल चाहते हैं कि स्टूडेंट स्कूल छोड़कर ना जाए, इसलिए वह उसे एसएलसी नहीं देते हैं, दोस्तों ऐसी कंडीशन में आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है, आप कोर्ट में जाकर एफिडेविट ले सकते हैं, जिसके बेसिस पर आगे आपको दूसरे स्कूल में एडमिशन मिल जाएगा।

Railway TC Job, Salary, Requirement

दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया कि टीसी का फुल फॉर्मटिकट कलेक्टर” भी होता है जो कि रेलवे का एक अधिकारी होता है।

दोस्तों जैसा कि आपको पता है कि अब रेलवे का निजीकरण हो चुका है और अब टीसी बनने की प्रक्रिया काफी बदल चुकी है, अब आप योग्यता के बलबूते पर आसानी से टीसी बन सकते हैं।

दोस्तों अगर आप टीसी बनना चाहते हैं तो रेलवे में इसके लिए हर साल एग्जामिनेशन होती है।

दोस्तों किसी बनने के लिए आपकी मिनिमम एज लिमिट 18 वर्ष होती है और मैक्सिमम 35 वर्ष की आयु रखी गई है।

अगर आप रेलवे में टीसी बनना चाहते हैं तो आपको इसके लिए महत्वपूर्ण रेलवे का एग्जाम देना होगा जो कि हर साल एसएससी और रेलवे दोनों द्वारा कंडक्ट करवाया जाता है।

आप रेलवे में कोई और अधिकारी बनकर भी कार्यरत हो सकते हैं, जिसके बाद आप आगे चलकर टिकट कलेक्टर या टिकट चेकर बन सकते हैं।

दोस्तों अगर आप डायरेक्ट टिकट चेकर बनना चाहते हैं तो यहां पर आप को कम से कम 12वीं पास होना चाहिए, 12वीं पास से नीचे वाले डायरेक्ट टिकट चेकर नहीं बन सकते।

हां अगर आप दसवीं के बेस पर रेलवे में कोई और नौकरी हासिल कर लेते हैं तो आगे चलकर आप टिकट कलेक्टर बन सकते हैं, जिसके लिए आपको कार्यकाल में ही कुछ अलग एग्जाम देने होते हैं और थोड़ा बहुत ट्रेनिंग सेशन भी होता है।

यहां पर SC/ST/OBC के लिए स्पेशल रिजर्वेशन भी होती है।

FAQs: TC का फुल फॉर्म

TC का हिंदी अर्थ क्या है?

TC का हिंदी अर्थ स्थानांतरण पत्र होता है।

TC का सही फुल फॉर्म कौनसा है?

TC का दो फुल फॉर्म है एक “ट्रांसफर सर्टिफिकेट” और दूसरा “टिकट चेकर” दोनों फुल फॉर्म ही सही है।

यह भी पढ़े…

आज हमने क्या सीखा?

तो दोस्तों उम्मीद करते है आपको आजका यह छोटा सा जानकारी पसंद आया है और अपने सीख गया की आखिर TC का फुल फॉर्म क्या है यानि टीसी का पूरा नाम क्या है? यदि TC Full Form से जुड़े कोई भी सवाल आपके मनमे है तो निचे कमेंट बॉक्स है कमेंट करे हम आपके कमेंट की जवाब देते है। और अगर पोस्ट सही में पसंद आया तो कृपा करके जितना हो सके इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करे।

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मेरा नाम परवेज है, में एक फुल टाइम ब्लॉगर हु। मुझे लिखना और पढ़ना पसंद है साथ ही लोगो की मदद करना भी पसंद है। यदि आपको हिंदी में ब्लॉग पड़ना पसंद है तो यह ब्लॉग आपके लिए काफी मजेदार हो सकता है...

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