इंटरनेट की खोज किसने की?

इंटरनेट का स्थान आज इंसानों की जिंदगी में कितना महत्वपूर्ण हो गया है, इसके बारे में बताने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इंसानों के अधिकतर काम अब इंटरनेट पर निर्भर हो गए हैं।

परंतु क्या आप जानते हैं कि जिस इंटरनेट का इस्तेमाल आज बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। आखिर उस इंटरनेट की खोज किसने की थी? और पहली बार किस देश में इंटरनेट का इस्तेमाल किया गया था? इस आर्टिकल में हम आपको इंटरनेट की खोज किसने की तथा इंटरनेट का जनक किसे कहा जाता है की जानकारी दे रहे हैं।

internet ki khoj kisne ki

इंटरनेट की खोज किसने की?

Vint Cerf और Bob Khan (Robert Elliot Kahn) इन्ही दो व्यक्तियों के द्वारा इंटरनेट को खोजा गया था। हालांकि इनके अलावा भी ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने इंटरनेट की खोज करने में इन दोनों का काफी साथ दिया था।

कुल मिलाकर देखा जाए तो एक ऐसी टीम थी जो लंबे समय से इंटरनेट की खोज करने के पीछे लगी हुई थी और उसी टीम के प्रयास के फलस्वरूप इंटरनेट की खोज की गई, जिसमें से मुख्य तौर पर Vint Cerf और Bob Khan (Robert Elliot Kahn) का नाम सामने निकलकर के आता है।

अमेरिकन आर्मी के द्वारा पेंटागन अमेरिका के सिक्योरिटी डिपार्टमेंट में पहली बार इंटरनेट की शुरुवात हुई थी। एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी नाम के एक नेटवर्किंग प्रोजेक्ट को साल 1969 में लांच किया गया था। इसके पश्चात साल 1978 में Vint Cerf और Bob Khan के द्वारा Transmission Control Protocol/ Internet Protocol को बनाया गया।

दो कंप्यूटर अथवा दो से ज्यादा कंप्यूटर एक दूसरे के साथ कैसे कनेक्ट होंगे यह निर्धारित करने का काम टीसीपी/आईपी नाम का प्रोटोकॉल करता है।

साल 1983 में एडवांस रिसर्च प्रोडक्ट एजेंसी ने टीसीपी/आईपी मॉडल को एक्सेप्ट किया था और उसके पश्चात अलग-अलग प्रकार के कंप्यूटर का एक नेटवर्क डाटा को ट्रांसफर करने के लिए तैयार किया गया, जिसकी वजह से इंटरनेट के एक नए इतिहास का आरंभ हुआ।

भारत में इंटरनेट का आगमन

इंटरनेट की खोज होने के पश्चात सबसे अधिक यह यूरोप के देशों में फैला और उसके पश्चात फैलते फैलते यह हमारे भारत देश में भी आ पहुंचा।

हमारे देश में इंटरनेट की शुरुवात साल 1995 में 14 अगस्त के दिन से हुई थी, क्योंकि इस समय हमारे भारत देश में बड़े पैमाने पर टेलीकॉम फील्ड में विदेश संचार निगम लिमिटेड नाम की कंपनी काम कर रही थी। और विदेश संचार निगम लिमिटेड कंपनी के द्वारा ही भारतीय लोगों को इंटरनेट की सुविधा दी गई थी।

आप इस प्रकार से भी समझ सकते हैं कि भारतीय लोगों को इंटरनेट की सौगात देने का काम विदेश संचार निगम लिमिटेड कंपनी के द्वारा ही किया गया था। कंपनी के द्वारा इंडिया में इंटरनेट की लॉन्चिंग ब्रॉडबैंड के जरिए की गई थी।

हालांकि जब इंडिया में इंटरनेट को लांच किया गया था तो उस समय इंटरनेट की स्पीड बहुत ही धीमी थी परंतु जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे इंडिया में भी इंटरनेट की स्पीड को तेज किया गया।

और वर्तमान के समय में हम हाई स्पीड इंटरनेट जैसे कि 3जी, 4जी और 5जी इंटरनेट का आनंद उठा रहे हैं, परंतु पहले के समय में हमें इंटरनेट की स्पीड केबीपीएस में प्राप्त होती थी और अब हमें इंटरनेट की स्पीड एमबीपीएस में प्राप्त होती है।

इंटरनेट से संबंधित शब्द

इंटरनेट बहुत ही विशाल है और इसीलिए इसके साथ ऐसे कई शब्द जुड़े हुए हैं जिसके बारे में सामान्य तौर पर हम जानते है परंतु हम उसकी पूरी जानकारी नहीं जानते हैं। नीचे हम इंटरनेट से संबंधित कुछ सामान्य शब्दों की जानकारी आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं।

1: FTP

एफटीपी का फुल फॉर्म फाइल ट्रांसफर प्रोटोकोल होता है। जब किसी फाइल को ट्रांसफर करना होता है तब फाइल ट्रांसफर प्रोटोकोल का यूज़ होता है जो कि एक स्टैंडर्ड नेटवर्क होता है। इसके द्वारा सरवर और क्लाइंट के बीच डाटा का आदान-प्रदान आसानी से होता है।

2: IP Address

आईपी का फुल फॉर्म इंटरनेट प्रोटोकोल होता है जो कि कंप्यूटर का एड्रेस होता है। इसी के द्वारा दुनियाभर में जितने कंप्यूटर है उसके सरवर की लोकेशन को ट्रेस किया जाता है।

3: ISP

आईएसपी का फुल फॉर्म इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर होता है। यह एक प्रकार की कंपनी होती है जो कस्टमर को इंटरनेट तक जाने के लिए होस्ट कंप्यूटर पर अकाउंट क्रिएट करने की सुविधा प्रदान करती है।

4: LAN

इसका पूरा नाम लोकल एरिया नेटवर्क होता है। इसमें लोकल शब्द जुड़ा हुआ होने की वजह से यह निश्चित दूरी तक ही इंटरनेट को पहुंचा सकता है।

इन्टरनेट का इस्तेमाल कहा होता हैं?

आज हमारे देश में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 40 करोड़ से अधिक हो गई है और इस प्रकार सभी इस बात से भलीभांति परिचित है कि इंटरनेट का इस्तेमाल किस जगह पर होता है।

फिलहाल अगर जानकारी के लिए बताया जाए तो इंटरनेट का इस्तेमाल आप किसी भी जानकारी को प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं।

ईमेल भेजने के लिए कर सकते हैं। सोशल मीडिया चलाने के लिए कर सकते हैं अथवा वीडियो कॉलिंग अथवा ऑडियो कॉलिंग करने के लिए कर सकते हैं।

यही नहीं इंटरनेट के द्वारा आप किसी भी प्रकार की एप्लीकेशन फॉर्म को प्रिंट आउट कर सकते हैं साथ ही आप नौकरी के फॉर्म ऑनलाइन भर सकते हैं।

ऑनलाइन इंटरनेट के द्वारा आप कुंडली मिलान कर सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से आप शॉपिंग भी कर सकते हैं तथा इंटरनेट के द्वारा आप ऑनलाइन मैरिज वेबसाइट एक्सेस कर सकते हैं।

 और अपने लिए घर बैठे लड़के अथवा लड़की के रिश्ते ढूंढ सकते हैं। इंटरनेट से आप पैसे भी कमा सकते हैं। इस प्रकार से आप विभिन्न प्रकार के काम कर सकते हैं।

पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल किस देश में हुआ?

इंटरनेट को खोजने वाली टीम इस कार्य में पिछले कई वर्षों से गहन शोधन कर रही रही। इस प्रकार से अमेरिका में ही इंटरनेट की खोज हुई। इसीलिए यह जाहिर सी बात है कि पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में ही इंटरनेट का इस्तेमाल किया गया था।

अमेरिका में खोज होने के पश्चात और अमेरिका में इस्तेमाल होने के पश्चात इंटरनेट को दुनिया के अन्य देशों में भी फैलाए जाने पर काम किया जाना प्रारंभ किया गया। और उसके पश्चात ब्राजील, रसिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड, यूक्रेन जैसे देशों में भी इंटरनेट का इस्तेमाल होना प्रारंभ हुआ और साल 1995 में ही हमारे भारत देश में भी इंटरनेट ने अपनी पहुंच बना ली।

इंटरनेट का इतिहास? History of internet in Hindi

जिस प्रकार से थॉमस अल्वा एडिसन के द्वारा बल्ब का आविष्कार किया गया था और जिस प्रकार से ग्राहम बेल के द्वारा टेलीफोन का आविष्कार किया गया था। उसी प्रकार से इंटरनेट के बारे में यह जानकारी प्राप्त नहीं होती है कि इंटरनेट को किसी एक व्यक्ति ने खोजा है क्योंकि इंटरनेट का आविष्कार समय गुजरने के साथ हुआ है। और इस प्रकार से अलग-अलग लोगों एवम समूहों ने इंटरनेट की खोज करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

इंटरनेट के इतिहास के बारे में बात करें तो साल 1960 में अमेरिका और रसिया के बीच शीत युद्ध चल रहा था और इसी लड़ाई की वजह से टेक्नोलॉजी की फील्ड में अमेरिका के द्वारा आगे बढ़ने के लिए साल 1962 में एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी को स्थापित किया गया जो डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस के तहत काम करती थी।

यह एजेंसी मुख्य तौर पर अमेरिकी डिफेंस के अंतर्गत आने वाले कंप्यूटर को एक साथ कनेक्ट करती थी। साल 1967 में एसोसिएशन फॉर कंप्यूटिंग मशीनरी की एक मीटिंग आयोजित हुई जिसमें ARPANET का आईडिया प्रजेंट किया गया।

ARPANET आइडिया के अंतर्गत हर डिवाइस को इंटरफेस मैसेज प्रोसेसर के साथ कनेक्ट किया गया क्योंकि इंटरफेस मैसेज प्रोसेसर एक दूसरे के साथ कम्युनिकेशन करने में कंपैटिबल थे।

और फिर किसी दो डिवाइस के बीच डाटा को ट्रांसफर करने के लिए डाटा को डिवाइस के द्वारा इंटरफ़ेस मैसेज प्रोसेसर को भेजा जाता था और उसके बाद इंटरफेस मैसेज प्रोसेसर मिले हुए डाटा को दूसरे इंटरफेस मैसेज प्रोसेसर के पास भेजती थी।

और वह उस डाटा को हासिल करके रिसीवर डिवाइस तक सेंड कर देता था। इस प्रकार से यहीं से इंटरनेट का विकास होना प्रारंभ हुआ।

साल 1969 में ARPANET के द्वारा टोटल 4 Nodes बनाए गए जो इस प्रकार थे।

  • University of California at Los Angeles (UCLA)
  • University of California at Santa Barbara (UCSB)
  • Stanford Research Institute (SRI)
  • University of Utah

इंटरफेस मैसेज प्रोसेसर के द्वारा ऊपर बताई गई चार यूनिवर्सिटी को कनेक्ट करने के लिए नेटवर्क कंट्रोल प्रोटोकोल का इस्तेमाल किया गया जो होस्ट के दरमियान कम्युनिकेशन देता है।

इसके बाद आगे बढ़ते हुए साल 1974 में Vint Cerf और Kahn के द्वारा ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल का इस्तेमाल दो कंप्यूटर अथवा दो से अधिक कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट करने के लिए किया गया। और इस प्रकार से Vint Cerf और Kahn को कंप्यूटर का पिता कहा जाता है। हालांकि आपने पहले ही पढ़ लिया कि कंप्यूटर का निर्माण करने का श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता।

इंटरनेट का विकास ? Development of internet in Hindi

इंटरनेट के विकास अथवा इंटरनेट के डेवलपमेंट की जानकारी निम्नानुसार है।

1: 1969

अमेरिकन सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के द्वारा चार विश्वविद्यालयों के कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट करके एक नेटवर्क को तैयार किया गया और इस प्रकार से ARPANET की स्टार्टिंग हुई।

2: 1973

इस साल में इंटरनेट प्रोटोकॉल की डिजाइनिंग की गई थी और इस साल तक ऐसी चीज का डेवलपमेंट हो चुका था जिसके द्वारा यूजर कंप्यूटर से जब चाहे तब फाइल को डाउनलोड कर पाता था।

3: 1986

नेशनल साइंस फाउंडेशन नाम के ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा बड़े नेटवर्क के तौर पर ARPANET को बनाया गया।

4: 1988

साल 1988 में इंटरनेट चैटिंग का पहली बार डेवलपमेंट फिनलैंड के एक व्यक्ति के द्वारा किया गया था जिसका नाम जाक्र्को ओकेरीनेने था।

5: 1989

सीआरएनए के द्वारा एक नई इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का डेवलपमेंट किया गया जिसे कि WWW (वर्ल्ड वाइड वेब) का नाम दिया गया जो हाइपर टेक्स्ट पर आधारित है। इसकी वजह से ही इंटरनेट से इंटरनेट इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति दूसरी वेबसाइट के डाटा को सरलता से लोड कर सकता है।

6: 1993

मोजेइक नाम का एक नेवीगेटिंग सिस्टम साल 1993 में बनाया गया। इसे मार्क एंडीरसन ने बनाया था जो ग्राफिक के लिए इस्तेमाल किया गया था।

7: 1994

साल 1994 तक अलग-अलग प्रकार की कंपनी के ब्राउज़र मार्केट में उपलब्ध हो चुके थे जिसके द्वारा इंटरनेट चलाना काफी सरल हो गया था।

8: 1995

बिजनेस को बढ़ाने के लिए इस समय तक कई बिजनेस वेबसाइट लॉन्च हो चुकी थी।

9: 1996

लोगों तक भी इंटरनेट की काफी अधिक पहुंच होने लगी थी और लोग इसमें इंटरेस्ट लेने लगे थे।

10: 1999

लोग ऑनलाइन प्रोडक्ट की खरीदारी करने में काफी इंटरेस्ट दिखा रहे थे।

11: 2003

अब तक इंटरनेट चलाने वाले लोगों की संख्या काफी तेजी के साथ बढ़ चुकी थी।

इंटरनेट की खोज से जुड़े कुछ – FAQs:

इंटरनेट का आविष्कार किस देश में हुआ?

इंटरनेट का आविष्कार संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ?

भारत में इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ?

इंटरनेट का आविष्कार भारत में नहीं हुआ था परंतु इंटरनेट का आगमन भारत में साल 1995 में हुआ था और इसे भारत में विदेश संचार निगम लिमिटेड के द्वारा शुरू किया गया था।

इंटरनेट का जनक किसे कहा जाता है?

इंटरनेट का जनक Vint Cerf और Bob Khan को कहा जाता है?

भारत में इंटरनेट की शुरुआत कहाँ हुई थी?

भारत में इंटरनेट की शुरुआत कोलकाता में हुई थी?

पहला इंटरनेट नेटवर्क कौन सा है?

पहला इंटरनेट नेटवर्क ARPANET है?

इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ था?

दुनिया के पहले इन्टरनेट का अविष्कार सन , 1969 में DOD (डिपार्टमेंट ऑफ़ डिफेन्स) द्वारा किया गया था।

यह भी पढ़े…

आज अपने क्या जाना?

उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आया है और इस आर्टिकल से आपको पता चल गया होगा की Internet ki Khoj Kisne Ki और इंटरनेट की खोज कब हुई! यदि आपको यह जानकारी सही में पसंद आया है तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

यदि इंटरनेट आविष्कार से जुड़े कोई भी सवाल आपके मनमे है जो आप हमसे पूछना चाहते है तो निचे कमेंट में अपना सवाल हमसे पूछ सकते है हम आपके सवाल के सही जवाब देने की पूरी कोसिस करेंगे।

पोस्ट को शेयर करे:

मेरा नाम परवेज है, में एक फुल टाइम ब्लॉगर हु। मुझे लिखना और पढ़ना पसंद है साथ ही लोगो की मदद करना भी पसंद है। यदि आपको हिंदी में ब्लॉग पड़ना पसंद है तो यह ब्लॉग आपके लिए काफी मजेदार हो सकता है...

Related Posts

Leave a Comment